श्री गणपती आरती II Shree Ganpati Aarti Lyrics

“सुखकर्ता दुखहर्ता” आरती भगवान गणेश (Lord Ganesha) की अत्यंत प्रसिद्ध और भक्तिपूर्ण आरती है। इसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के समय गाया जाता है और यह सभी विघ्न (Obstacles) दूर करने वाली आरती मानी जाती है।

आरती के श्लोक जैसे:

“सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची…”

भगवान गणेश के सुमंगल, वक्रतुण्ड और लंबोदर रूप का वर्णन करते हैं। यह आरती भक्तों के मन में शांति (Peace of Mind), भक्ति (Devotion) और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार करती है।

नित्य सुखकर्ता दुखहर्ता आरती पाठ (Sukhkarta Dukhharta Aarti Chanting) करने से संकट दूर होते हैं, मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में समृद्धि व खुशहाली आती है। इसे सुनना और गाना सभी के लिए अत्यंत पवित्र और लाभकारी माना जाता है।

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची ।
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची ।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची ॥०१॥

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा ।
हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया ॥०२॥

लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना ।
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ॥०३॥

Sukhkarta Dukhharta Varta Vighnachi
Nurvi Purvi Prem Krupa Jayachi
Sarvangi Sundar Uti Shendurachi
Kanthi Zhalke Mal Muktaphalachi ॥01॥

Jai Dev Jai Dev Jai Mangalmoorti
Darshanmatre Mankamana Purti
Ratnakhachit Phara Tuj Gaurikumara
Chandanachi Uti Kunkum Keshara
Hire Jadit Mukut Shobhato Bara
Runjhunati Nupure Charani Ghagariya ॥02॥

Lambodar Pitambar Phani Varvandana
Saral Sond Vakratund Trinayana
Das Ramacha Vat Paahe Sadana
Sankati Pavave Nirvani Rakshave Survandana
Jai Dev Jai Dev Jai Mangalmoorti
Darshanmatre Mankamana Purti ॥03॥

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