Laxmi Ji Ki Aarti l Anuradha Paudwal Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics

माँ लक्ष्मी जी को धन, वैभव, सौभाग्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। हिन्दू धर्म में दीपावली और शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी जी की आरती गाने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। भक्तजन श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती गाकर माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Anuradha Paudwal Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

Anuradha Paudwal Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics

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